Principal Message
‘विद्या ददाति विनयम’ अर्थात विद्या विनम्रता देती है।विनम्रता से विद्यार्थी में ज्ञान और संस्कार का सतत विकास होता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव ने अपनी मौलिकता खो दी है। आज जब प्रत्येक मनुष्य स्वार्थी हो गया है ऐसे समय में श्री ठाकुर दास जी पागारानी ने समाज हित के लिए कई सुधारात्मक कार्य करने का प्रयास किया।इसी संस्कारित शिक्षा के लिए स्वर्गीय ठाकुरदास पागारानी जी द्वारा इस ग्रामीण विद्यालय की स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी एवं स्वर्गीय चेयरमैन रतन चंद्र वर्मा जी के निर्देशन में विगत 28 वर्षों से विद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति यात्रा गतिमान है।कृषि प्रधान देश में कृषक समुदाय के मध्य स्थापित यह आदर्श विद्यालय स्वर्गीय पागारानी जी की दूरदर्शिता एवं स्वर्गीय आर सी वर्मा जी की सहृदयता और सामंजस्य से ग्रामवासियों के लिए शैक्षिक सजगता का परिचायक है। 28 वर्ष पूर्व स्थापित यह संस्था एक ऐसे वटवृक्ष के रूप में स्थापित हो चुकी है जिसकी छाया में विकसित हो रहे हैं नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण, सुसंस्कारित, अनुशासन से पुष्पित पल्लवित विद्यार्थी।
एक आनंदमयी संसार का निर्माण करना बेशक एक बड़ी चुनौती है पर असंभव नहीं। सकारात्मक दृष्टिकोण वाले व्यक्ति के लिए ‘असंभव’ भी ‘मैं संभव हूं’ जैसा प्रतीत होता है। एक छोटा बच्चा जब अपनी वास्तविक दुनिया से ज्ञान की दुनिया की ओर कदम बढ़ाता है तो उसे एक साथी या मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है। तब एक शिक्षक मित्र बनकर, उसके जीवन में उत्साह का संचार करता है, उसे ज्ञान की दुनिया की सैर कराता है एवं एक मार्गदर्शक बनकर सर्वांगीण विकास में भागीदार बनता है।एक अच्छा शिक्षक छात्रों के स्कूली जीवन को रोचक बनाने के लिए किताबी ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी माध्यम से भी ज्ञानार्जन करने में सहायक होता है। इस तरह शिक्षक और छात्र के मध्य एक सेतु निर्माण हो जाता है ।
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध यह संस्था निरंतर नए-नए आयामों को छू रही है। ‘न्यूनतम शुल्क पर बेहतर शिक्षा’ के साथ बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम हमारी उल्लेखनीय उपलब्धि है।ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित यह विद्यालय ‘एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम’ जैसी गतिविधियों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति स्थापित करने में सफल हो चुका है।हमारे संस्था के समस्त सहकर्मी शिक्षक एवं कर्मचारी स्वार्थ से परे रहकर छात्रों में मानवीय गुणों के विकास हेतु सदैव प्रयासरत रहते हैं। मैं अपने उच्चाधिकारियों की हृदय से आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास कर यह जिम्मेदारी मुझे सौंपी।
इस कार्य का हिस्सा बनाने एवं मुझ पर भरोसा करने के लिए आप सभी का सहृदय धन्यवाद।
डॉ. प्रीति दीक्षित प्राचार्या- CFHSS
